बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। ऐसी कथा है कि खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया।
बाबा खाटू श्याम
खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाना जाता है।
खाटूश्याम मेला
बाबा श्याम का फाल्गुन लखी मेला 2023 (Lakhi Mela 2023) इस बार राजस्थान के सीकर जिले के खाटू कस्बे में 22 फरवरी से शुरू होगा.
मूर्ति और चित्रण
खाटू श्याम जी का चित्रण एक काले रंग के छोटे बालक के रूप में होता है, जो बांसुरी बजाते हुए दिखते हैं और उनके पगड़ी में मोर पंख होते हैं।
कहाँ है बाबा खाटू श्याम
खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध सीकर जिले में स्थित है। जहां बाबा श्याम का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है।
करने योग्य कार्य -
खाटू श्याम निशान यात्रा
खाटू मंदिर
खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के खाटू गाँव में स्थित है और यहाँ पर हर साल लाखों भक्त उनकी दर्शन करने आते हैं।
धार्मिक महिमा
खाटू श्याम जी के भक्त मानते हैं कि उनकी पूजा से भक्तों के सारे कष्ट और संकट मिट जाते हैं और वह अपने भक्तों के साथ हमेशा हैं।
खाटू श्याम जी का नाम:
खाटू श्याम जी का असली नाम श्री श्याम सांदा सतयवान है।
धार्मिक महत्व
खाटू श्याम जी को हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता माना जाता है, और विशेषकर उत्तर भारत, राजस्थान, और हरियाणा में उनका विशेष भक्ति आदान-प्रदान है।
खाटू श्याम जी के उपासक
खाटू श्याम जी के उपासक विशेष रूप से पूर्वी और पश्चीमी राजस्थान में होते हैं, लेकिन उनकी भक्ति की प्रासंगिकता भारत के अन्य हिस्सों में भी है।
भक्तिगीत और उपासना
खाटू श्याम जी के भक्त उनके नाम के भजन गाते हैं और उनकी उपासना करते हैं, जिसमें "हरे का सहारा, बाबा श्याम हमारा" जैसे भजन बहुत प्रसिद्ध हैं।